Electric cycle क्या होती हैं? ये किस तरह काम करती हैं ?

जानिए electric cycle क्या होती है? ये कितने प्रकार की होती है तथा ये किस तरह काम करती है? ईंधन वाहनों की तुलना में E-cycle किस तरह लाभदायक है।

Electric cycle किस तरह काम करती हैं
Electric cycle क्या होती हैं ये किस तरह काम करती हैं

आप लोगो ने electric vehicles, electric bike के बारे में हल फ़िलहाल सुना ही होगा, आज कल दुनिया का हर एक देश वातावरण को बचने में जोर दे रहा है। जिसके कारण बिजली से चलने वाले वाहनों की को अभिक महत्व दिया जा रहा है। तो इसी कड़ी में बिजली से चलने वाली साइकिल भी बहुत तेजी से प्रसिद्ध हो रही है। आज के इस लेख में में आपको इन electric cycle के बारे में बताने वाला हूँ।

Electric cycle क्या है ?

Electric cycle नाम सुनकर आप लोगो के दिमाग में जरूर Electric motorcycle या Electric scooter का चित्र उभर रहा होगा, लेकिन दोस्तों में आपको बता दू की एक Electric cycle जिसे E-bicycle भी के रूप में भी जाना जाता हैं, साइकिल का ही एक प्रकर होता हैं। एक साइकिल जिसमे पारम्परिक cycle की तरह पेडल तो होते ही हैं साथ में आप इसे एक एकीकृत इलेक्ट्रिक मोटर (instigated electric motor) की सहायता से भी चला सकते हैं।

इस साइकिल में लगी एकीकृत इलेक्ट्रिक मोटर को ऊर्जा एक बैटरी के द्वारा मिलती हैं। जो साइकिल के साथ ही जुडी हुई होती हैं।

आप जब चाहे अपनी इच्छा से साइकिल को पेडल या फिर motor से चला सकते हैं। कुछ Electric cycles में तो पेडल मारने पर बैटरी चार्ज होती रहती हैं, मतलब आप अपनी सेहत का ध्यान रखने के साथ- साथ बैटरी भी चार्ज करते रहते हैं जिसे आप जब चाहे उपयोग कर सकते हैं।

इलेक्ट्रिक साइकिल के प्रकार (Types of Electric cycles)

Pedal Assist / Pedelec

यह इलेक्ट्रिक साइकिल का सबसे सामान्य प्रकार है जिसे पेडल असिस्ट या पेडलेक कहते हैं। साइकिल चलाने वाला सामान्य रूप से बाइक को पैडल करता है जबकि इसमें लगी मोटर चालक को सहायता प्रदान करती है, जिससे पीछे के पहिये में संचारित शक्ति बढ़ जाती है। इस साइकिल का प्रयोग करने पर चालक को सामान्य रूप से बहुत कम पेडल मारने पड़ते है।  यहां तक ​​​​कि जब हम इसे उच्च गियर में, उच्च गति में चलाये या फिर खड़ी पहाड़ियों पर यह चालाक के काम को आसान बनाने में मदत करती हैं।

साइकिल  सवार अपनी इच्छा से  इसमें उपलब्ध सेटिंग्स की सहायता से गति को नियंत्रित कर सकता हैं।  यूरोप के अधिकांश देशो  में पेडल असिस्ट या पेडलेक साइकिल के लिए  25 किलोमीटर प्रति घंटे (KMH) या लगभग 15 मील प्रति घंटे की अधिकतम गति निर्धारित की गयी हैं, जबकि अमेरिका में यह गति सीमा लगभग 32 किलोमीटर प्रति घंटे या 20 मील प्रति घंटे तक सीमित है। भारत में हिलहाल कोई भी गति सीमा निर्धारित नहीं की गयी हैं। इन साइकिलो  को आप अधिकांश सड़कों और रास्तों पर उपयोग कर सकते है जहां सामान्य बाइक को चलने की अनुमति हो,और इसके लिए किसी अतिरिक्त लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

Throttle

इस प्रकार की इलेक्ट्रिक साइकिल, स्कूटर तथा मोटरसाइकिल की तरह इसको चलाने वाले सवार के बिना किसी कार्य के खुद ही चलती हैं, अर्थात इस साइकिल में साइकिल सवार को कोई भी पेडल मरने की जरूरत नहीं होती हैं। इन साइकिलो की गति इनमे लगे एक्सेलरेटर(Accelerator) पर निर्भर करती हैं। आप जितना एक्सेलरेटर को घुमाएंगे उतनी आपको गति प्राप्त होगी। इस एक्सेलरेटर को थ्रोटल (throttle) भी कहते हैं, जिसकी वजह से इसका नाम Throttle E-bicycle पड़ा। ये  पेडल-असिस्ट साइकिल की तुलना में बहुत कम प्रचलित हैं क्योंकि कई देशों में ऐसे कानून हैं जो उन्हें पूरी तरह प्रतिबंधित करते हैं। इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में थ्रॉटल ई-बाइक सबसे आम है जहां उनके उपयोग को सीमित करने के लिए बहुत कम कानून मौजूद है।

Pedal Assist 28mph

इस क्लास या टाइप की इलेक्ट्रिक साइकिल की अधिकतम गति 28mph हो सकती हैं। इतनी गति से चलने के बाद भी यह कानूनी रूप से एक साइकिल हैं। और इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस, लाइसेंस प्लेट आदि चीजों की जरूरत नहीं होती हैं, लेकिन इसे चलने के लिए हेलमेट पहनना बहुत जरूरी है। क्योकि इतनी गति से गिरने पर शरीर को नुकसान हो सकता हैं। इस प्रकार की साइकिल पेडल असिस्ट तथा  थ्रॉटल टाइप भी हो सकती हैं। इन साइकिलो को चलने के लिए न्यूयनतम उम्र 17 वर्ष होनी चाहिए।

इलेक्ट्रिक साइकिल कैसे काम करती है? (How do electric cycle work)

दोस्तों यदि आपके पास कभी ऐसी साइकिल रही हो जिसके पीछे एक सेफ्टी लैंप लगा हुआ रहता है, या आपने कहि ऐसी साइकिल देखी हो, तो आपको electric cycle के कार्य सिद्धांत को समझने में आसानी होगी। विचार करें: जैसे ही आप अपने पैरों को पैडल पर ऊपर और नीचे पंप करते हैं, आप पहियों को घुमाते हैं। पीछे के पहिये पर लगा एक छोटा डायनेमो (जनरेटर) बिजली की एक छोटी सी धारा पैदा करता है जो आपके बैक सेफ्टी लैंप को अंधेरे में जलाए रखता है।

अब मान लीजिए कि आप इस प्रक्रिया को उल्टा कर देते हैं। क्या होगा यदि आपने सेफ्टी लैंप को हटा दिया और इसे एक बड़ी बैटरी से बदल दिया। बैटरी एक स्थिर विद्युत धारा(fixed electric current) प्रदान करती है, और यह धारा डायनेमो को उल्टा चलाती है ताकि वह इलेक्ट्रिक मोटर की तरह काम करे। जैसे ही डायनेमो/मोटर घूमती है, यह टायर को घुमाती  है और आपके पेडलिंग की मदद के बिना साइकिल को आगे बढ़ाती है।

अतः सामान्य भाषा में इलेक्ट्रिक साइकिल में बैटरी से धारा(current) मोटर में जाता है, और मोटर के घूमने के साथ ही साइकिल के पहिये चलने लगते है।

इलेक्ट्रिक साइकिल के प्रमुख भाग (Important parts of electric cycle)

इलेक्ट्रिक बाइक के चार मुख्य भाग होते हैं

1) बैटरी 

बैटरी E-bicycle के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि बैटरी में वह सारी शक्ति होती है जो आपको साइकिल सहित ले जाने के लिए आवश्यक है (यदि आप कोई पेडलिंग नहीं करते हैं)।  इलेक्ट्रिक साइकिल  बैटरी लगभग 350-500 वाट शक्ति  (जो लगभग 35-50 वोल्ट और 10 एम्पियर है ) बनाती है, जो कि एक इलेक्ट्रिक टोस्टर को चलाने के लिए आवश्यक शक्ति का लगभग एक चौथाई है।

सैद्धांतिक रूप से , आप साइकिल पर किसी भी प्रकार की बैटरी का उपयोग कर सकते हैं। हालाँकि, व्यवहार में, आप किसी ऐसी चीज़ का उपयोग करना चाहते हैं जो बहुत अधिक वजनी हुए बिना बहुत अधिक शक्ति संग्रहीत करती हो – नहीं तो  आप बैटरी में संचित आधी शक्ति का उपयोग केवल बैटरी को साथ ले जाने में करेंगे! मतलब  भारी लेड-एसिड बैटरियों का इनमे  प्रयोग रद्द  जाता है हालांकि कुछ इलेक्ट्रिक बाइक उनका उपयोग करती हैं।

लैपटॉप कंप्यूटर, मोबाइल (सेलुलर) फोन और एमपी3 प्लेयर में इस्तेमाल होने वाली हलके वजन की लिथियम-आयन बैटरी अब सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं, हालांकि वे निकल-कैडमियम जैसी पुरानी रिचार्जेबल बैटरी तकनीकों की तुलना में अधिक महंगी हैं। “)। विशिष्ट बैटरियां आपकी साइकिल को शुल्कों (इलाके के आधार पर) और 10-20 मील प्रति घंटे की शीर्ष गति के बीच 10-40 मील की दूरी देंगी (जो कि कानून द्वारा इन वाहनों के लिए अधिकतम अधिकांश देशों की अनुमति है)। आप कभी-कभी पेडलिंग या फ्री-व्हीलिंग करके सीमा का विस्तार कर सकते हैं।

2) Electric cycle motor

मुख्य रूप से विद्युत साइकिल में दो प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर्स का प्रयोग होता हैं, जिन्हें  पूर्ण-शक्ति मोटर और शक्ति-सहायता मोटर के रूप में जाना जाता है, और इन विद्युत मोटर द्वारा साइकिल के संचालित होने के तरीके भिन्न होते हैं।

1)  Full-power motor-

जिन साइकिलो  में यह मोटर लगी होती है उनको अपेक्षाकृत कम दूरी पर न्यूनतम पेडलिंग के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इन साइकिलो में बड़ी बैटरी और शक्तिशाली हब मोटर्स होती है, और ये बहुत मजबूत तथा भरी होती है। इस प्रकार की साइकिल की गति तथा दूरी दोनों कम होती है  (आमतौर पर 16-30 किमी या 10-20 मील) क्योकि आप हर समय बिजली का उपयोग कर रहे हैं। इस तरह की full power motor E-cycle  उन लोगों के लिए है जो साइकिल चलाना पसंद करते हैं लेकिन पेडलिंग से नफरत करते हैं ।

2) Power-assist motor-

जिन साइकिलो में इस परक ही मोटर लगी होती है उनको  हाइब्रिड कारों के समकक्ष मन जा सकता है। इन साइकिलो को लम्बे समय तक पेडल करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है और जब आप थक जाते हैं या जब आप मोटर  की सहायता की महसूस करते हैं तो इस विद्युत रूप से संचालित कर सकते हैं ( उदाहरण के लिए, जब आप पहाड़ी पर जा रहे हों )।

फुल-पावर मोटर E-bicycle  के विपरीत, इनमे हब मोटर नहीं होते हैं; इसके बजाय, पीछे के पहिये के पास एक अलग इलेक्ट्रिक मोटर लगाई गई है और इसे या तो गियर स्प्रोकेट के माध्यम से या केवल पीछे के टायर के साथ लगाया जाता है। जहां एक हब मोटर वाली साइकिल को बिना किसी शक्ति के पेडल करना मुश्किल या असंभव है (क्योंकि आप इसे प्रभावी रूप से जनरेटर में बदल रहे हैं), वहीं आप  तो पावर-असिस्ट मोटर वाली साइकिल को  बहुत कम या बिना किसी प्रतिरोध के आसानी से पेडल कर सकते हैं।  हब-मोटर की तुलना में पावर-असिस्ट बहुत अधिक रेंज देता है। (80-145 किमी या 50-90 मील तक) ।

3) Frame

इलेक्ट्रिक बाइक का फ्रेम भी थोड़ा अलग होना चाहिए। फ्रेम का मुख्य भाग (वह  जो आपके वजन को सभांल सकता हो)। यह आमतौर पर हल्के एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बना होता है।  फ्रेम जितना हल्का होता है, समग्र रूप से साइकिल  का वजन उतना ही हल्का होता है,  जिससे आप बैटरी को रिचार्ज कर से पहले अपनी यात्रा पूरी कर सकें। पहिए पर लगे स्पोक भी पारंपरिक साइकिल के  पतले  स्पोक की तुलना में अधिक मजबूत होने चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि हब में इलेक्ट्रिक मोटर बहुत अधिक टर्निंग फोर्स (टॉर्क के रूप में जाना जाता है) के साथ पहिया को घुमाती है और यदि स्पोक सामान्य हुए तो वह मुड़ या फिर टूट सकते है।

4) Brakes

कुछ इलेक्ट्रिक साइकिल  पुनर्योजी ब्रेकिंग (regenerative braking) नामक एक साफ-सुथरी तकनीक का उपयोग करने का दावा करती हैं। यदि आप साइकिल को पेडल करना शुरू करते हैं या नीचे की ओर जाते हैं, तो  पहिये इलेक्ट्रिक मोटर को एक जनरेटर में परिवर्तित कर देते हैं और बैटरी चार्ज करना शुरू कर देते हैं।

व्यवहार में, पुनर्योजी ब्रेक(regenerative brake) लगाना इलेक्ट्रिक साइकिल पर उतना उपयोगी नहीं है जितना कि इलेक्ट्रिक ट्रेन या कार पर। एक इलेक्ट्रिक बाइक में ट्रेन या कार की तुलना में बहुत कम द्रव्यमान और वेग होता है, इसलिए जब यह शुरू होता है और रुकता है तो यह कभी भी उतनी गतिज ऊर्जा प्राप्त नहीं करता (या खोता है)। बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करने के लिए आपको बहुत सी पहाड़ियों से नीचे जाना होगा और यह आमतौर पर व्यावहारिक नहीं है। और केवल बैटरी चार्ज करने के लिए पहियों को पेडल करने का क्या मतलब है?

Features of an electric cycle

1) अच्छी बिल्ड क्वालिटी इसकी बॉडी मजबूत और हल्की है

2) पोर्टेबल

3) मोटर संचालित

4) ऑपरेशन के कई तरीके A) पेडल राइडिंग मोड B) इलेक्ट्रिक राइडिंग मोड C)असिस्टेंट राइडिंग मोड

5) बैटरी संचालित

इलेक्ट्रिक साइकिल VS  ईंधन वाहन (Electric cycle VS fuel vehicle)

दोस्तों आज के समय में अगर आप इलेक्ट्रिक साइकिल की तुलना ईंधन वाहनों (प्रेट्रोल से चलने वाले) से करेंगे तो निसंदेह electric cycle की ही जीत होने वाली है। अगर आप भारत के उन शहरों में भी रहते है जहा बिजली की 1 यूनिट का मूल्य 8₹ है तब भी एक अच्छे लाभ पर है।
एक इलेक्ट्रिक साइकिल एक बार चार्ज करने पर लगभग 25 km चल सकती है (बिना पेडल का प्रयोग किये)। इलेक्ट्रिक साइकिल में लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग होता है जो हमारे मोबाइल फ़ोन में भी प्रयोग होती है और इनको चार्ज करने में बहुत कम बिजली खर्च होप्ती है। अगर हम एक यूनिट बिजली की यूनिट का मूल्य 8₹ ले तो एक बार चार्ज करने का खर्च 8₹ होगा।
वही अगर हम ईंधन वाले वाहनों (Scotty, motorbike )की बात करे तो 1 लीटर ईंधन में 40km चल सकती है।
तो इन दोनों को अगर आप एक साल तक अपने ऑफिस जाने के लिए प्रोयग करते हैं तो आप कितने पैसे बचा सकते है ये इस चार्ट में दिखाया गया है।

comparison between fuel vehicle and electric vehicle
comparison between fuel vehicle and electric vehicle
comparison between fuel vehicle and electric vehicle
comparison between fuel vehicle and electric vehicle

भारत में इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत

भारत में अभी इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमते इतनी काम नहीं है की एक सामान्य वर्ग का आदमी इनको खरीद सके लेकिन यह ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में सस्ती है।

CompanypriceMore details
Hero₹ 21000- ₹40000Check prices on Amazon
Generic₹ 30000- ₹60000Check prices on Amazon
Autonix₹ 22000- ₹40000Check prices on Amazon
Nexzu₹ 22000Check prices on Amazon

इस टेबल में इलेक्ट्रिक साइकिल के जो भी ब्रांड लिखे गए है वो सारे भारतीय है।

विद्युत साइकिल के लाभ

1) असिस्टेड बाइकिंग

2) तेज और और आसनी से कही भी जा सकने वाली

3) स्वास्थ्य में सुधार

4) खर्चों में कटौती करें

 5) परिवहन का भविष्य हैं

6) प्रकृति के अनुकूल

7) डिजाइन की विस्तृत विविधता

FAQ

इलेक्ट्रिक साइकिल का आविष्कार किसने किया था?

1897 में, बोस्टन के होसे डब्ल्यू लिब्बी ने एक इलेक्ट्रिक साइकिल का आविष्कार किया।

भारत में इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने वाली कंपनी कौन-कौन सी है ?

वर्त्तमान में भारत में बहुत सी ऐसी कम्पनी हैं जो electric cycle बनती हैं। जिनमे से कुछ निम्न हैं
1) Hero
2) जेनेरिक
3) Autonix
4) Nexzu

क्या इलेक्ट्रिक साइकिल को पेडल से भी चला सकते हैं?

जी हाँ, इलेक्ट्रिक साइकिल को पेडल से चलाया जा सकता हैं। कुछ इलेक्ट्रिक साइकिल पडेल असिस्ट होती हैं।

एक इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत कितनी होती हैं?

भारत में सबसे कम मूल्य की E-bicycle हीरो कम्पनी की आती हैं जो ₹21000-₹23000 तक मिल जाएगी।

क्या इलेक्ट्रिक साइकिल चलाने के लिए लाइसेंस और नंबर प्लेट की जरूरत है?

नहीं, इलेक्ट्रिक साइकिल के लिए लाइसेंस और नंबर प्लेट की जरूरत की जरूरत नहीं होती है। लेकिन कुछ साइकिलो की गति अधिक होने के कारण आपको हेलमेट जरूर पहनना चाहिए।

क्या E- bicycle को चलाने के लिए उम्र की कोई सीमा है ?

क्योकि इलेक्ट्रिक साइकिल की गति लगभग 20KM -30KM तक हो सकती है, अतः कम से कम 16 साल से ऊपर के लोग इसे चला सकते हैं ।

Conclusion

दोस्तों इस लेख में हमने इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में आपको आसान तरीके से समझाने की कोशिस की है अगर आपको हमारा ये प्रयास पंसद आया हो तो इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करे। धन्यवाद।

Spread the love

1 thought on “Electric cycle क्या होती हैं? ये किस तरह काम करती हैं ?”

  1. I blog often and I really thank you for your content. Your article has truly peaked my interest. I’m going to bookmark your website and keep checking for new details about once per week. I subscribed to your Feed too.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *