दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे की solar inverter क्या होता है? सोलर इन्वर्टर कितने प्रकार का होता है? तथा यह कैसे काम करता है (working of Solar inverter) ?
अनुक्रम
सोलर इन्वर्टर क्या है ? (what is solar inverter)
सोलर इन्वर्टर जिसे पीवी इन्वर्टर भी कहा जाता है, एक प्रकार का इलेक्ट्रिकल कन्वर्टर है जो सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली फोटोवोल्टिक (पीवी) दिष्ट धारा (DC current) को प्रत्यावर्ती धारा (AC current) में बदल देता है। सोलर पैनल सूरज से आने वाली किरणों को वेरिएबल डायरेक्ट करंट (डीसी) में बदलने का काम करते हैं।
अगर तकनीकी भाषा मे सोलर इन्वर्टर को परिभाषित करें तो सोलर इन्वर्टर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। जो सोलर पैनल से प्राप्त डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में परिवर्तित करता है, इसके द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को हम अपने घर के उपकरणों को चलाने तथा अन्य क्रियाकलापों में प्रयोग कर सकते है।
सोलर इन्वर्टर सिस्टम के मुख्य अवयव
एक solar inverter सिस्टम में मुख्य रूप से निम्न अवयव होते है।
1) सौर पैनल, (फोटोवोल्टिक (पीवी) पैनल),
2) सौर इन्वर्टर (solar inverter)
3) बैटरी (Battery)
सोलर पैनल (Solar panel )
सोलर पैनल को कई सारे छोटे-छोटे सोलर सेल को जोड़कर बनाया जाता है। सोलर सेल पर जब सूरज की रोशनी गिरती है, तब यह सोलर सेल सूरज से मिली ऊर्जा को लेकर उस ऊर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में बदल देता है। ये सोलर सेल सिलिकॉन मेटेरियल के बने हुए होते है।
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सौर इन्वर्टर (solar inverter)
इसमें सोलर चार्ज कंट्रोलर तथा इन्वर्टर होता है। यह सोलर पैनल से प्राप्त इलेक्ट्रिकल ऊर्जा को नियंत्रित तथा प्रोसेस करता है। सोलर पैनल से DC ऊर्जा मिलती है जिससे घर के उपकरण नहीं चल सकते है, इन्वेटर सेक्शन इस DC को AC ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इन्वर्टर में ही एक चार्जर भी होता है जो सोलर पैनल से मिलने वाली ऊर्जा से बैटरी को चार्ज करता है।
बैटरी (Battery)
बैटरी अपने अंदर DC ऊर्जा को संचित कर लेती है और जब रात को सूरज का प्रकाश नहीं होता है तब घर की ऊर्जा जरूरते इसी के द्वारा पूरी होती है।
जानिए इन्वर्टर कैसे काम करता है ?
सोलर इन्वर्टर कैसे कार्य करता है? (Working of solar inverter)
सोलर इन्वर्टर की सामान्य वर्किंग
यह सोलर पैनल से वेरिएबल डायरेक्ट करंट लेकर इसे 120V/240V अल्टरनेट करंट आउटपुट में बदलता है। अधिकांश घरेलू उपकरण वैकल्पिक धारा (AC current) पर चलते हैं लेकिन प्रत्यक्ष धारा (DC Current) पर नहीं।
तकनीकी रूप से, सूर्य का प्रकाश फोटोवोल्टिक सेल (सौर पैनल) पर पड़ता है, सौर पैनल, क्रिस्टलीय सिलिकॉन की अर्धचालक परतों से डिज़ाइन किये जाते है। ये परतें एक जंक्शन से जुड़ी नकारात्मक और सकारात्मक परतों का एक संयोजन हैं।
परतें प्रकाश को अवशोषित करती हैं और सौर ऊर्जा को फोटोवोल्टिक सेल में स्थानांतरित करती हैं। इलेक्ट्रॉन नकारात्मक और सकारात्मक परतों के बीच गति करते हैं, जिससे एक धरा उत्पन्न होती है जिसे आमतौर पर प्रत्यक्ष धारा कहा जाता है।
एक बार ऊर्जा उत्पन्न होने के बाद, इसे या तो सीधे इन्वर्टर में भेजा जाता है या बाद में उपयोग के लिए बैटरी में संग्रहीत किया जाता है। यह अंततः आपके पास मौजूद सोलर पैनल इन्वर्टर सिस्टम पर निर्भर करता है।
जब ऊर्जा इन्वर्टर को भेजी जाती है, तो यह आमतौर पर डायरेक्ट करंट फॉर्मेट में होती है जिसे इन्वर्टर वैकल्पिक ऊर्जा (AC energy) में बदल देता है।
दोस्तों अब हम देखेंगे की अलग अलग परिस्थियों में आपका सोलर इन्वर्टर किस तरह से कार्य करेगा।
दिन के समय solar inverter कैसे काम करता है ?
दोस्तों दिन के समय सोलर इन्वर्टर दो काम करता है
पहला तो सौर पैनल से आने वाली प्रत्यक्ष धारा (DC Current) को वैकल्पिक धारा (AC current) में परिवर्तित करता है जिससे हमारे घर या फिर कार्यालय के सभी उपकरण चलते है।
दूसरा सूरज की ऊर्जा से ही बैटरी को भी चार्ज कर देता है, मतलब दिन के समय अधिकतम लोड सूरज की ऊर्जा पर ही चलता है, जिससे बिजली की खपत न के बराबर होती है।
रात के समय solar inverter कैसे काम करता है ?
रात के समय सूरज की रोशनी नहीं होती है तो इस समय सोलर पैनल से कोई भी ऊर्जा इन्वर्टर को प्राप्त नहीं होती है, तो इस परिस्थिति में भी सोलर इन्वर्टर दो तरीके से काम करता है ।
पहला तो दिन में जो इन्वर्टर के द्वारा दिन में (जब सूरज की रोशनी होती है )बैटरी में ऊर्जा संचित की गयी होती है उसे AC current में कन्वर्ट करता है जिससे घर के उपकरणों को सप्लाई मिलती।
दूसरा अगर बैटरी चार्ज नहीं होती है या फिर बैटरी का चार्ज ख़तम हो जाता है तब सोलर इन्वर्टर बिजली का उपयोग करके बैटरी को चार्ज करता है साथ ही घर के सारे लोड को चलता है।
जब कभी आसमान में बादल हो या धुप न आये तब भी सोलर इन्वर्टर इसी तरह से काम करता है जैसे रात के समय करता है।
सामान्य भाषा में कहा जाए तो सोलर इन्वर्टर सूर्य की किरणों की मदद से अपनी बैटरी को चार्ज करता है और आपके घर की सभी उपकरणों को उर्जा प्रदान करता है। अगर सूर्य की किरणें सोलर पैनल पर नहीं पड़ रही और वह सोलर पावर से चार्ज नहीं उत्पन्न हो रहा तो वह आपके घर की मेन सप्लाई से चार्ज होना शुरू हो जाता है। जिसके कारण आपके घर में आने वाली मेन सप्लाई कम से कम इस्तेमाल होती है और इससे आपके बिजली की बिल में भी बचत होती है।
सोलर इन्वर्टर के प्रकार (Types of solar inverter)
ऑन ग्रिड इन्वर्टर
ये सीधे ग्रिड से जुड़े होते हैं और इनमें बैटरी बैक-अप की सुविधा नहीं होती। ये उच्च प्रदर्शन करने वाले इनवर्टर होते हैं, अक्सर 25 साल के डिजाइन जीवन और 5 साल की वारंटी के साथ आपको ये मिलता है। इस इनवर्टर में डीसी से एसी में 97 – 99% रूपांतरण होता है।
ऑफ-ग्रिड इनवर्टर
इसको सोलर पैनल से जोड़ने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, ये उन बैटरियों से डीसी पावर खींचते हैं इसे इंजन जनरेटर, हाइड्रो टर्बाइन और विंड टर्बाइन जैसे अन्य संसाधनों के द्वारा चार्ज किया जाता है। ये इनवर्टर उपयोगिता ग्रिड से अलग हैं
हाइब्रिड इनवर्टर
ये दो इनवर्टर का मिश्रण हैं। ऐसे इनवर्टर पहले कनेक्टेड बैटरी को चार्ज करते हैं और फिर ग्रिड को अतिरिक्त बिजली निर्यात करते हैं। इसी तरह, रात/बादल के दिनों में – ये इनवर्टर पहले खपत के लिए संग्रहीत बिजली का उपयोग करने के लिए पर्याप्त होते हैं और एक समय के बाद, ग्रिड के माध्यम से बैटरी को रिचार्ज करते हैं।
solar inverter charge Controller के प्रकार:
PWM (PULSE WIDTH MODULATION) –
यह पल्स चौड़ाई मॉडुलन प्रकार सस्ता है, और इसलिए, आमतौर पर घरों और वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में ऑफ-ग्रिड सौर समाधान के लिए उपयोग किया जाता है। 12 वोल्ट का सोलर पैनल 12 वोल्ट की बैटरी चार्ज कर सकता है। श्रृंखला में वायर्ड दो 12V पैनल, या एक 24V पैनल, 24V बैटरी बैंक के लिए आवश्यक है, और इसी तरह।
MPPT(अधिकतम पावर प्वाइंट ट्रैकिंग)
– एमपीपीटी नियंत्रक अधिक महंगे हैं, लेकिन पैनलों की संख्या के मामले में अधिक लचीलापन देते हैं। पीवी मॉड्यूल से वोल्टेज बैटरी बैंक से मेल खाने के लिए वर्तमान एम्परेज में इसी वृद्धि के साथ नीचे गिर जाएगा। एम्परेज में वृद्धि से तेजी से रिचार्ज होगा। ये सौर चार्ज नियंत्रक स्वचालित रूप से P = V x A समीकरण के अनुसार समायोजित हो जाएंगे। नतीजतन, आपको बैटरी चार्ज करने के लिए अधिक शक्ति मिलेगी और पीडब्लूएम के विपरीत कोई नुकसान नहीं होगा।
solar inverter और नॉर्मल इन्वर्टर के बीच अंतर
- नॉर्मल इन्वर्टर अपने प्राथमिक स्रोत के रूप में ईंधन, गैसोलीन या बिजली का उपयोग करता है और इससे बिजली पैदा करता है। सोलर इनवर्टर सौर ऊर्जा को अपने ऊर्जा भंडार के रूप में नियोजित करते हैं।
- नॉर्मल इन्वर्टर बिजली का उपयोग करके बैटरी चार्ज करता है। सोलर इन्वर्टर भी नॉर्मल इन्वर्टर से संबंधित काम करता है, लेकिन इसमें सोलर पैनल का उपयोग करके बैटरी को चार्ज करने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा है,
- सोलर इन्वर्टर में पाए जाने वाले दो प्रमुख गुण, जो नॉर्मल इन्वर्टर में नहीं होते हैं, वे हैं:
1. अवरोधक 2. प्रभारी नियंत्रक
सोलर इन्वर्टर के फायदे
सौर ऊर्जा ग्रीनहाउस प्रभाव के साथ-साथ असामान्य मौसम परिवर्तन को भी कम करती है।
सौर उत्पादों का उपयोग करके हम बिजली के बिल को कम करके पैसे बचा सकते हैं।
ये इनवर्टर छोटे व्यवसायों को उनकी ऊर्जा की पूर्ति और आवश्यकताओं को कम करके सशक्त बनाता हैं।
सोलर इन्वर्टर के नुकसान
इस तरह के इनवर्टर को काफी महंगे होते है।
बिजली उत्पन्न करने के लिए सूर्य का प्रकाश का होना आवश्यक है।
इसकी स्थापना के लिए एक
विशाल स्थान की आवश्यकता होती है।
सोलर इनवर्टर के द्वारा पैसे कैसे कमाए?
मोदी सरकार की सोलर पावर स्कीम के जरिए बिजली का उत्पादन करके उसे बेचा जा सकता है। बड़े स्तर पर सोलर पैनल लगाने के लिए आपको पहले लोकल बिजली कंपनियों से लाइसेंस
लेना होगा और बिजली कंपनियों के साथ पावर खरीदने का एग्रीमेंट भी साइन करना होगा। इसके बाद सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट आपका होगा 60,000 से ₹80000 रुपए होगा। इसके अलावा सौर ऊर्जा से बनाई गई बिजली को आप पावर ग्रिड से जोड़ कर राज्य सरकार को दे सकते हो इसके बदले सरकार आपको अच्छी रकम देगी।
भारत में सोलर इन्वर्टर निर्माण करने वाली कंपनियां
ल्यूमिनस
ल्यूमिनस ग्रिड से जुड़े इनवर्टर और ऑफ-ग्रिड सौर अनुप्रयोगों के लिए इनवर्टर दोनों को बेचता है। ल्यूमिनस सात विनिर्माण इकाइयों, भारत में 28 से अधिक बिक्री कार्यालयों और 36 से अधिक देशों में उपस्थिति के साथ इनवर्टर और औद्योगिक बैटरी का गुड़गांव स्थित निर्माता है।यह होम इन्वर्टर यूपीएस सिस्टम और बैटरी की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करता है जिसे आसानी से स्मार्ट रेंज, आवश्यक रेंज और पावर रेंज में विभाजित किया जाता है।
सु-काम
यह पीवी ग्रिड से जुड़े इनवर्टर और सोलर साइन वेव इनवर्टर बनाती है। यह अब भारत की सबसे बड़ी बिजली समाधान कंपनी बन गई है और दुनिया भर के 90 से अधिक देशों में इसकी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है। सु-काम का ब्रेनी इको इन्वर्टर एक हाइब्रिड सोलरइन्वर्टर है जो हर घर के लिए एकदम सही है, क्योंकि यह ग्रिड और सोलर दोनों के माध्यम से चार्ज कर सकता है।
माइक्रोटेक
ये भारत में बिजली उत्पादों और समाधानों का एक अन्य निर्माता है। कंपनी के कुछ सबसे अधिक बिकने वाले उत्पाद लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस, ऑनलाइन यूपीएस, डिजिटल और इंटेली प्योर साइनवेव यूपीएस और हाइब्रिड यूपीएस हैं।
UTL Solar
1996 में अपनी स्थापना के बाद से, हम “UTL” ने खुद को पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम के रूप में विकसित किया है। आज, हम उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विकास और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की पेशकश करने वाले एक मान्यता प्राप्त नाम के रूप में खड़े हैं। यह कंपनी स्मार्ट प्रबंधन तकनीक के साथ अपने स्ट्रिंग इनवर्टर के लिए जानी जाती है। यह वाणिज्यिक और उपयोगिता-पैमाने पर सौर के लिए 1000V, 1100V और 1500V क्षमता में स्मार्ट PV स्ट्रिंग इनवर्टर बनाती है। इनवर्टर 98.5% की न्यूनतम दक्षता के साथ आते हैं।
भारत में सोलर इनवर्टर की कीमत
बाजार में बहुत सारी कंपनियां हैं और सोलर इनवर्टर की कीमत उनके प्रकार, क्षमता और ब्रांड पर आधारित होती है। यहां भारत में सोलर इनवर्टर की कीमतों की सूची दी गई है।
ऑन-ग्रिड की कीमत
सौर इनवर्टर की क्षमता | अवस्था | सोलर इन्वर्टर की कीमत |
1 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 1 PH | 19,000 रु |
2 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 1 PH | 25,000 रु |
3 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 1 PH | 30,000 रु |
4 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 1 PH | 35,000 रु |
5 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 1 PH | 40,000 रु |
5 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 61,000 रु |
6 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 65,000 रु |
10 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 75,000 रु |
15 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 1,00,000 रु |
20 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 1,10,000 रु |
25 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 1,25,000 रु |
30 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 1,35,000 रु |
50 किलोवाट ऑन-ग्रिड | 3 PH | 2,10,000 रु |
- ऑन-ग्रिड सोलर इनवर्टर 5 साल की वारंटी के साथ आता है।
ऑफ-ग्रिड की कीमत:
सौर इनवर्टर की क्षमता | वोल्टेज / अवस्था | सोलर इन्वर्टर की कीमत |
500 वीए | 12 v/1 PH | 3,500 रु |
850 वीए | 12 v/1 PH | 4,900 रु |
1100 वीए | 12 v/1 PH | 6,000 रु |
1600 वीए | 24 v/1 PH | 7,000 रु |
2k वीए | 24 v/1 PH | 11,000 रु |
3.5k वीए | 48 v/1 PH | 21,000 रु |
5.5k वीए | 96 v/1 PH | 45,000 रु |
7.5k वीए | 120 v/1 PH | 59,000 रु |
10k वीए | 120 v/1 PH | 85,000 रु |
15k वीए | 360 v/1 PH | 120,000 रु |
20k वीए | 360 v/1 PH | 140,000 रु |
30k वीए | 360 v/1 PH | 180,000 रु |
50k वीए | 360 v/1 PH | 320,000 रु |
- ऑफ-ग्रिड सोलर इनवर्टर 2 साल की वारंटी अवधि के साथ आते हैं।
हाइब्रिड की कीमत :
सौर इनवर्टर की क्षमता | वोल्टेज / अवस्था | सोलर इन्वर्टर की कीमत |
3kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 48V/1 P | 71,500 रु |
4kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 96V/1 P | 74,000 रु |
5kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 96V/1 P | 78 ,000 रु |
6kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 96V/1 P | 83,000 रु |
10kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 120V/1 P | 178,000 रु |
10kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 239,000 रु |
15kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 249,000 रु |
20kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 286,000 रु |
25kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 361,000 रु |
30kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 424,000 रु |
40kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 673,000 रु |
50kW हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर | 240V/3 P | 790,000 रु |
- ऑफ-ग्रिड सोलर इनवर्टर 3 साल की वारंटी अवधि के साथ आते हैं।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल भारत में सर्वश्रेष्ठ सोलर इन्वर्टर चुनने में आपकी मदद करने के लिए पर्याप्त है। इस आर्टिकल में, हम आपको सोलर इनवर्टर क्या है, सोलर और नॉर्मल इन्वर्टर के बीच अंतर, भारत में सोलर इनवर्टर की कीमत आदि के बारे में जानकारी दी है।