जाने Pulse oximeter क्या है? इसका प्रयोग (Use) कैसे करते है? Oximeter की रीडिंग क्या होनी चाहिए तथा इसकी नार्मल रेंज क्या होती है ?
अनुक्रम
Pulse Oximeter क्या है?
oximeter एक डिजीटल उपकरण होता है, जिसका प्रयोग शरीर किसी मरीज के Oxygen saturation को तेजी व आसनी से मापने के लिए किया जाता है। ऑक्सीमीटर device को अपने अस्पतालों में जरूर देखा होगा, लेकिन यह डिवाइस छोटे आकर में भी आता है, जिसका प्रचलन वर्तमान में Covid -19 के कारण बहुत बड़ गया है । छोटे आकर के ऑक्सीमीटर को Fingertip Oximeter कहते है। फिंगर ऑक्सीमीटर को इसके छोटे आकर के कारण कहीं भी ले जाया जा सकता है इसलिए इसे Portable ऑक्सीमटर भी कहा जा सकता है ।
यह डिवाइस हमारे खून में ऑक्सीजन सचुरेशन लेवल के साथ ही हार्ट बीट की जांच तथा शरीर के छोटे-छोटे परिवर्तनो को भी दर्शाता है ।
Pulse Oximeter का क्या काम है ?
पल्स ऑक्सीमीटर जैसा नाम से ही स्पष्ट है यह ऑक्सीजन के लेवल को मापने का काम करता है। इस oxygen लेवल को SPO2 (Saturation of oxygen in blood) कहते हे। ऑक्सीमीटर में हांथ की उंगली को अच्छी तरह से फ़साने के बाद यह खून में ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच करता है, और जांच की रिपोर्ट को डिस्पले में दर्शाता है। इसकी रिपोर्ट से यह पता चलता है कि हमारे खून की लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) ह्रदय से शरीर के अन्य भागो में कितना ऑक्सीजन पहुंचा रही हैं। इसमें फोटो इलेक्ट्रिक सेंसर होता है जो ऑक्सीजन सैचुरेशन के साथ हार्ट बीट को भी चेक करता है।
ऑक्सीमीटर से जांच के दौरान ऑक्सीमीटर में अपनी उंगली ठीक से सेट करें। आप एक से अधिक अंगुली की जांच भी कर सकते है। जांच के दौरान ऑक्सीमीटर में अपनी उंगली ठीक से सेट करें। ऐसा न करने पर रीडिंग गलत हो सकती है।
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SPO2 क्या होता है?
SPO2 को saturation of oxygen in Blood कहते है । हम सब जानते है की हमारे शरीर में खून ऑक्सीजन को वहन (carry) जो हमारे जीवन के लिए जरूरी होता है। खून में मुख्य रूप से हीमोग्लोबिन (Hb) ऑक्सीजन को carry करता है या इसका शरीर में परिवहन करता है।
जो हीमोग्लोबिन मुलीक्यूल्स ऑक्सीजन के बिना होते है Deoxygenated हीमोग्लोबिन तथा जो ऑक्सीजन के साथ होते है वे Oxygenated हीमोग्लोबिन कहलाते है।
Oxygen saturation सामान्यतः खून में उपस्थित हीमोग्लोबिन जो ऑक्सीजन को carry करता है, का प्रतिशत होता है।
अर्थात ऑक्सीजन सचुरेशन ऑक्सीजन carry करने वाले हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को बताता है। इसे एक उदाहरण से समझ सकते है ।
माना अगर 10 हीमोग्लोबिन यूनिट्स है तथा इनमे से कोई भी Oxygen के साथ नहीं है, तो ऑक्सीजन सचुरेशन 0% होगा ।
अगर 10 हीमोग्लोबिन यूनिट में है और उनमे से 5 यूनिट ऑक्सीजन के साथ है तो सचुरेशन प्रतिशत 50% होगा।
अब यदि 10 हीमोग्लोबिन यूनिट्स है और सभी ऑक्सीजन को carry करते है तो Oxygen saturation 100% होता है ।
अतः आप यह समझ गए होंगे को SPO2 क्या होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है।
Pulse Oximeter कैसे काम करता है?
Pulse oximeter खून में ऑक्सीजन को मापने के लिए प्रकाश (light) का प्रयोग करता है। ऑक्सीमीटर में दो light source तथा एक light detector लगा होता है। light detector को photo detector भी कहते है। लाइट सोर्स लाइट प्रकाश का उत्सर्जन करता है जिसे फोटो डिटेक्टर के द्वारा डिटेक्ट किया जाता है।
जब भी हम अपनी अंगुली को ऑक्सीमीटर में फिट करते है, तो हमारी अंगुली light सोर्स तथा फोटोडेटेक्टर के बीच में आ जाती है। अब लाइट सोर्स से निकलने वाली लाइट, फोटोडेटेक्टर तक अंगुली से होकर आती है। जिससे कुछ लाइट अंगुली के द्वारा अवशोषित कर ली जाती है और बाकी लाइट फोटोडेटेक्टर sense करता है।
ऑक्सीजन युक्त हीमोग्लोबिन (Oxygenated Hb) तथा बिना ऑक्सीजन युक्त हीमोग्लोबिन (Deoxygenated Hb) की लाइट को अवशोषित करने की क्षमता अलग अलग होती है। Deoxygenated Hb तथा Oxygenated Hb अलग-अलग मात्रा में तथा अलग-अलग wavelength के प्रकाश को अवशोषित करते है।
pulse oximeter में light source दो रंगो के प्रकाश को उत्सर्जित (Emit) करता है, पहली लाल रंग की लाइट जिसकी वेवलेंथ 650nm होती है, तथा दूसरी इंफ्रारेड लाइट जिसकी वेवलेंथ 950nm होती है।
Oximeter खून के द्वारा अवशोषित लाल तथा इंफ्रारेड लाइट की तुलना करता है Oxygen saturation को मापने के लिए। पल्स ऑक्सीमीटर का आंतरिक सर्किट (internal circuit) इस जानकारी को process करता है और एक सटीक result डिस्प्ले करता है । इसके आलाव इसी जानकारी के आधार पर यह डिवाइस ह्रदय गति (hart rate) को भी माप लेता है ।
Pulse Oximeter reading
पल्स ऑक्सीमीटर की रीडिंग इस डिवाइस की dispaly में प्रदर्शित होती है। पल्स ऑक्सीमीटर तीन प्रकार की reading को प्रदर्शित करता है ।
SPO2 reading
Heart beet reading
PI index (perfusion Index) reading
plus oximeter की SPO2 reading
Spo2 की अलग-अलग रीडिंग मरीज की अलग-अलग अवस्था को दर्शाती है ।
SPO2% | Condition |
95-100% | Normal |
91-95% | Mild hypoxemia |
86-90% | Moderate hypoxemia |
<85% | Severe hypoxemia |
Pulse Oximeter प्रयोग कैसे करे ?
1) ऑक्सीमीटर से जांच करते समय आप जिस भी अंगुली का प्रयोग कर रहे है वो साफ होनी चाहिए, उसमे नेल पॉलिश नहीं लगी होनी चाहिए। इन सब से रीडिंग में त्रुटि आती है ।
2) कुछ काम के बाद एकाएक जांच नहीं करनी चाहिए , जांच करने से पहले थोड़ा आराम कर लेना चाहिए ।
3) जांच के दौरान उंगलियों की स्थिति को सीधे रखे तथा हो सके तो अपनी मध्यम या तर्जनी अंगुली पर ही जांच करने का प्रयाश करे ।
4) ऑक्सीमीटर को बार-बार रीडिंग लेने के लिए अलग-अलग उंगली पर नहीं लगाना चाहिए ।
5) जांच के शुरुआत में रीडिंग में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इससे घबराये नहीं कुछ समय बाद यह रीडिंग स्थिर हो जाये तब तब फाइनल रीडिंग ले तथा हाथ को स्थिर रखे ।
6) रीडिंग तभी लेनी चाहिए जब डिस्पले में रीडिंग स्थिर हो जाए हालांकि स्थिर होने के बावजूद दिल की धड़कन एक दो अंक फिर आगे पीछे हो जाती है तो ऐसे में अधिकतम है उसे नोट कर लें।
Oximeter Normal range क्या है ?
पल्स ऑक्सीमीटर में किसी भी मरीज की नार्मल रेंज 95-100% होती है। और अगर हम कम से कम रेंज की बात करे तो वः 90% तो होनी ही चाहिए इससे नीचे रीडिंग आने पर डॉक्टर से सम्पर्क जरूर काना चाहिए।
Pi Index (Perfusion Index) की Normal value 0.04 -20% के बीच होनी चाहिए ।
Oximeter Uses
Pulse Oximater का प्रयोग कई सारी सास संबधित बीमारियों के मरीजों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में Covid-19 वायरस में इसका प्रयोग सबसे अधिक हो रहा है।
Good device for measurement of O2 saturation . in this crisis of Covid19 pandemic it will provide an easy way of help for the people to check whether they need or not for oxygen