Hybrid CAR क्या है? Hybrid Vehicle कैसे काम करती है?

जाने Hybrid Vehicle/ Hybrid CAR क्या होती हे?  हाइब्रिड वाहन की meaning तथा ये वाहन काम (working of hybrid CAR) केसे करते हे ?

hybrid electric vehicle
Hybrid electric vehicle

Hybrid Vehicle का मतलब  (Meaning of hybrid vehicle)

हाइब्रिड वाहन या हाइब्रिड कार का मतलब उन वाहनों से हे जो चलने के किये एक से अधिक प्रकार के पावर का प्रयोग करती हे अर्थात ये वाहन विधुत electricity) तथा ईधन दोनों का प्रयोग एक साथ या अलग अलग करती हे । इस प्रकार के वाहनों में इंजन था मोटर दोनों लगी हुई होती हे और वाहन इन दोनों में से किसी एक से या फिर दोनों के मेल (combination) से चलती हे । यह ELECTRIC VEHICLE का एक प्रकार होता हे |

हाइब्रिड कार के प्रकार (Types of hybrid car)

ये मुख्यतः 6 प्रकार के होते हे |

१) श्रेणी  (Series) हाइब्रिड वाहन

२) समान्तर  (Parallel) हाइब्रिड वाहन

३)  श्रेणी-समान्तर (Series-Parallel)   हाइब्रिड वाहन

4) प्लग इन (Plug-in) हाइब्रिड वाहन   

५) माइल्ड  (Mild) हाइब्रिड वाहन

६) माइक्रो (Micro) हाइब्रिड वाहन

हाइब्रिड वाहनों की वर्किंग (working of hybrid vehicle)

ये वाहन काम कैसे करते हे ये समझने के लिए हमे इनके सारे प्रकारो को तथा उनके कार्य को समझना होगा तभी हम इनकी वर्किंग को समझ पाएंगे |

1)- श्रेणी (Series) हाइब्रिड

श्रेणी हाइब्रिड में इंजन के साथ एक जनरेटर लगा होता हे और जनरेटर के साथ लगा होता हे एक चार्जर सर्किट | इस चार्जर सर्किट में चार्जर के अलावा एक कंट्रोलर सर्किट था एक इन्वेर्टर सर्किट भी लगा होता हे। इन्वेर्टर के साथ एक सिरे से उच्य विभव की बैटरी (High voltage battery) तथा दूसरे सिरे से एक मोटर (Induction motor) जुडी होती हे जो एक इंन्डक्शन मोटर होती हे इस  मोटर के साथ जुडी होती  हे रियर एक्सेल ड्राइव (Rear drive axle)। इससे व्हील्स को पावर दिया जाता हे। श्रेणी हाइब्रिड दो मोड्स में काम करता हे |

१) इलेक्ट्रिक मोड

इस मोड में उच्य विभव की बैटरी की पावर से मोटर, गाड़ी के चक्को (wheels) को घूमती हे।

२) इंजन असिस्ट मोड

 इस मोड़ में वाहन तब आता हे  जब बैटरी कम हो जाती हे। इस  अवस्था में इंजन शुरू हो जाता हे और अब जनरेटर अपना काम करता हे। जनरेटर से पावर चार्जर में जाती हे , चार्जर यह पर दो काम करता हे पहला यह बैटरी को चार्ज करता हे और दूसरा मोटर को पॉवर परिवर्तित करता हे, जिससे बैटरी चार्ज होने के साथ-साथ वाहन भी चलेगा। श्रेणी  हाइब्रिड सिस्टम में इंजन का चक्को के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं होता जिस के कारण इंजन सीधे चक्को को पावर नहीं दे पता |

2)- समान्तर (Parallel) हाइब्रिड

इसमें इंजन के साथ एक इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित हस्तांतरण (Electronically control transmission) जुड़ा होता हे, जिसके दूसरे सिरे में एक विद्युत मोटर जुडी होती हे | यह मोटर एक विशेष उद्देश्य मोटर होती हे जो जनरेटर का काम भी करती हे| इस जनरेटर कम मोटर से एक चार्जर/इन्वेर्टर जुड़ा होता हे तथा इस इन्वेर्टर से उच्य विभव की बैटरी जुडी होती हे। समान्तर हाइब्रिड में रियर एक्सेल ड्राइव (Rear drive axle) हस्तांतरण (transmission) के साथ जुड़ा होता हे जिससे वाहन के चक्को(wheels) को पावर दी जा सके।

ये तीन मोड में काम करती हे

१) पूर्ण विद्युत मोड़ full electric mode 

   इस मोड़ में बैटरी मोटर को  पावर देती हे और हस्तांतरण  (transmission) चक्को को मोटर से जोड़ता हे, और चक्को में गति होती हे ।

२) पूर्ण इंजन मोड़  full engine mode

   पूर्ण इंजन मोड़ में मोटर कट ऑफ हो जाती हे और इंजन की मदत से गाड़ी चलेगी तथा यहां पर मोटर जनरेटर की तरह काम करेगा जिससे बैटरी चार्ज होगी |

३) पावर मोड़ Power mode

इस मोड़ की जरूरत उस समय होती हे जब कभी वाहन  को बहुत अधिक पावर (High power) की आवश्यकता होती हे | इस मोड़ में बैटरी की पावर से मोटर था ईंधन की मदत से इंजिन एक साथ  हस्तांतरण (transmission) के द्वारा रियर एक्सिल ड्राइव को पावर देते हे जिससे चक्के अधिकतम गति से काम करता हे|

3)-श्रेणीसमान्तर (Series-Parallel) हाइब्रिड वाहन

इस प्रकार के मेल (combination) में श्रेणी तथा  समान्तर दोनों सर्किट दिए गए होते हे | इसमें इंजन के साथ एक पावर स्प्लिटर(power splitter) जुड़ा होता हे | इस पावर स्प्लिटर के साथ जनरेटर तथा मोटर दोनों जुड़े होते हे , इसके बाद इस पूरे मेल से एक इन्वेटर लगा होता जिसकी दूसरी और लगाई जाती हे एक उच्य विभव बैटरी (High voltage battery) | वाहन के दोनों व्हील फाइनल ड्राइव के द्वारा पावर स्प्लिटर  से जुड़े होते हे | श्रेणी-समान्तर

हाइब्रिड वेहिकल तीन मोड़ में काम ऑपरेट होते हे|

१) पुर्ण विधुत
२) इंजन असिस्ट
३) केवल इंजन

4)-प्लग इन (Plug-in) हाइब्रिड वाहन 

ये वहां ऐसे वाहन होते हे जिनमे श्रेणी  (Series) हाइब्रिड वाहन,समान्तर  (Parallel) हाइब्रिड वाहन तथा  श्रेणी-समान्तर (Series-Parallel) हाइब्रिड वाहन के सारे गुण होने के साथ साथ एक विशेष गुण भी होता हे और ये विशेष गुण हे बाहरी चार्जिंग(External charging) | अर्थात ऊपर दी गयी तीनो प्रकार के हाइब्रिड वाहनों में बहरी चर्जिंग की सुविधा को जोड़ दिया जाए तो वो प्लग इन हाइब्रिड व्हीकल कहलाएंगे।

)- माइल्ड  (Mild) हाइब्रिड वाहन

माइल्ड हाइब्रिड एक इलेक्ट्रॉनिक स्टार्ट (Electronic start) और रेजेनरटीवे ब्रेकिंग (Regenerative breaking) वाली कार हे इस सस्टम में एक कन्वेंसनल कार स्टार्टर मोटर की जगह एक मॉडिफायर मोटर होती हे, जिसे जोड़ा जाता हे एक बैटरी के साथ | कार स्टार्टिंग के समय मोटर बैटरी के पावर से कार को स्टार्ट कर देती है और ब्रेकिंग के दौरान व्हील से आता हुआ उल्टा पावर (Reverse power) प्रयोग करके वही  मोटर, जनरेटर की तरह काम करके विधुत (Electricity) बनती है जो बैटरी को चार्ज करेगा | इस बैटरी का प्रयोग कार को स्टार्ट काने तथा सहायक सिस्टम में किया जाता है | 

6)-माइक्रो (Micro) हाइब्रिड वाहन

आपको यह जानकर हैरानी होगी की माइक्रो हाइब्रिड एक हाइब्रिड व्हीकल नहीं है, लेकिन वाहन बनाने वालो ने इसका  प्रचार -प्रसार करने के लिए इसे भी हाइब्रिड की श्रेणी में जोड़ दिया। इस सिस्टम में रिजनरेटिंग ब्रेकिंग (Regenerative breaking) दिया जाता है जिससे एक एक्स्ट्रा सहायक बैटरी या फिर मुख्य बैटरी को ब्रेकिंग के दौरान चार्ज किया जाता है|

Canclusion

मित्रो में आसा करता हु की यह लेख पढ़कर आपको Hybrid वाहन के बारे में तथा उसकी वर्किंग के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी|अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो और परिवार के साथ जरूर साझा करे। धन्यवाद।

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